Delhi Red Fort Blast: दिल्ली के लाल किले के पास हुए सघन विस्फोट मामले में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) को बड़ी सफलता मिली है। एजेंसी ने आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर उन नबी के एक कथित सहयोगी को गिरफ्तार किया है, जिस पर 12 लोगों की मौत और 20 से अधिक के घायल होने वाले इस घातक हमले की साजिश रचने का आरोप है।
कौन है गिरफ्तार आरोपी?
गिरफ्तार आरोपी आमिर राशिद अली का जम्मू-कश्मीर के पंपोर के संबूरा इलाके से संबंध है। एनआईए की जांच के मुताबिक, आमिर ने ही आईईडी लगे वाहन के जरिए हमला अंजाम देने में डॉ. उमर की सहायता की थी। आमिर को कई राज्यों में चले व्यापक सर्च ऑपरेशन के बाद दिल्ली से गिरफ्तार किया गया।
आत्मघाती हमलावर की पहचान कैसे हुई?
फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी में जनरल मेडिसिन के असिस्टेंट प्रोफेसर रहे डॉ. उमर उन नबी की पहचान फोरेंसिक और डीएनए जांच के आधार पर की गई। विस्फोट में बुरी तरह क्षत-विक्षत हुए शव का डीएनए डॉ. उमर की मां के डीएनए से 100% मैच हो गया, जिससे पुष्टि हुई कि विस्फोट के वक्त वही वाहन चला रहे थे।
सामने आया ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल
सुरक्षा एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर एक ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल का भी पर्दाफाश किया है। इस मॉड्यूल के नेता उच्च शिक्षित और डॉक्टर जैसे पेशेवर बताए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि यह मॉड्यूल पिछले एक साल से एक आत्मघाती हमलावर की तलाश में था और डॉ. उमर इसकी साजिश का केंद्र बिंदु थे।
जांचकर्ताओं को शक है कि डॉ. उमर 6 दिसंबर को हुए हमले और 10 नवंबर को लाल किले के पास हुए विस्फोट, दोनों का मास्टरमाइंड था। एनआईए ने डॉ. उमर से जुड़ा एक और वाहन भी जब्त किया है और इस मामले में अब तक 73 गवाहों से पूछताछ की जा चुकी है।





